आईआईटी मुंबई के छात्र रहे भारतवंशी वैज्ञानिक को इन्वेंट ऑफ द ईयर पुरस्कार मिला, यहां उनके नाम 250 से ज्यादा पेटेंट दर्ज

भारतवंशी आविष्कारक राजीव जोशी कोप्रतिष्ठित ‘इन्वेंटर ऑफ द ईयर’ अवार्ड दिया गया है। उन्हें यह सम्मानइलेक्ट्रॉनिक उद्योग को आगे बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए दिया गया है। उन्होंने कई अविष्कार किए हैं। उनके नाम 250 से ज्यादा पेटेंट दर्ज है।
जोशी न्यूयॉर्क में आईबीएम थॉमसम वाटसन रिसर्च सेंटर में काम करते हैं। उन्हें इस महीने की शुरुआत में एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह के दौरान न्यूयॉर्क इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी एसोसिएशन ने इस प्रतिष्ठित वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया।
जोशी ने आईआईटी मुबंई से पढ़ाई की है। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से एमएस की डिग्री और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। उन्होंने आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में कई खोज की हैं।
‘मुझे जोश और जिज्ञासा प्रेरित करते हैं’
कुछ दिनों पहले उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था,‘‘मुझे जोश और जिज्ञासा प्रेरित करते हैं। किसी समस्या की पहचान करना और कुछ अलग हटकर उसका समाधान सोचने से मुझे नए विचारों तक पहुंचने में मदद मिलती है।’’
पिता ने बचपन से वैज्ञानिकों की कहानियां सुनाईं: जोशी
जोशी ने कहा कि उनके माता-पिता ने बचपन में हमेशा उन्हें मैडन मेरी क्यूरी, मार्कोनी, राइट ब्रदर्स, जेम्स वॉट, एलेक्जेंडर बेल, थॉमस एडिशन जैसे महान वैज्ञानिकों की कहानियां सुनाई हैं। उन वैज्ञानिकों की सफलता की कहानियों और आविष्कारों ने वास्तव में उनकीविचार प्रक्रिया को आकार दिया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि पैदा करने में मदद की।
‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब केवल चर्चा के शब्द नहीं रहे’
पुरस्कार लेने के दौरान जोशी ने कहा कि थार क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग अब केवल चर्चा के शब्द नहीं रह गए हैं, बल्कि उनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल भी हो रहा है। यह सभी क्षेत्र बेहद रोमांचक हैं और मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग में आगे बढ़ रहा हूं।
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