इस्लामोफोबिया फैलाने के आरोप पर मालदीव के बाद सऊदी अरब और यूएई ने भारत का समर्थन किया, मलेशिया ने भी बदला स्टैंड

इस्लामिक देशों के संगठनऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) में भारत पर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप लगाकर घेरने की पाकिस्तान की कोशिश एक बार फिर नाकाम साबित हुई। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस मामले पर मालदीव के बाद सऊदी अरब और यूएई ने भी भारत का साथ दिया है।
तीन दिन पहले ओआईसी की वर्चुअल मीटिंग हुई थी। इसमें पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत में इस्लामोफोबिया फैलाया जा रहा है। इस पर मालदीव ने कहा था कि सोशल मीडिया पर चंद लोग जो हरकतें या बयानबाजी करते हैं, उसे 130 करोड़ भारतीयों की राय नहीं समझा जा सकता। भारत के रणनीतिक साझेदार और भरोसेमंद दोस्त ओमान ने भी ओआईसी में इसे भारत का अंदरूनी मसला बताया।
पाकिस्तान नेभारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पीआरओ मुनीर अकरम, यूएन में भारत के खिलाफ एक्शन लेने के लिए एक ‘स्माल इन्फार्मल वर्किंग ग्रुप’ बनाना चाहते थे। उन्होंने ओआईसी में भारत के खिलाफ आरोप लगाते हुए इसकी मांग की थी। हालांकि, मालदीव ने इसका विरोध किया था। अब सऊदी अरब, यूएई और ओमान ने भी भारत का साथ दिया है। जबकि ओआईसी में शामिल कई देशों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया, मलेशिया कुछ नहीं बोला
खबर के मुताबिक, तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि तुर्की ओआईसी में यूएई और सऊदी अरब का दबदबा खत्म करना चाहता है। यह फैसला उसकी रणनीति के तहत था। वहीं, मलेशिया जो कुछ दिनों पहले तुर्की के साथ शामिल होकर भारत, सऊदी अरब और यूएई का विरोध करता था। पाकिस्तान के इस कदम पर वह शांत रहा है।
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