अमेरिका: भारतीय दवाओं के लिए परेशान, वीजा एक्सटेंशन को लेकर भी बढ़ रही दिक्कतें

कोरोनावायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। शायद ही कोई देश है जो इस महामारी से अछूता बचा है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली जैसे देशों को भी इस वायरस से जूझना पड़ रहा है। इस बीच, लाखों भारतीय हैं जो विदेशों में फंसे हुए हैं। हालांकि, सोमवार को भारत सरकार ने 7 मई से विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने की घोषणा की है। बावजूद इसके अभी भी ऐसे लाखों भारतीय हैं जिन्हें स्वदेस लौटने का इंतजार है। कारण कि विदेश में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि भारत से जो लोग यहां छुट्टियां बिताने के हिसाब से आए थे, वेकोरोना महामारी के चलते यही फंस गए हैं।ऐसे में उन्हेंदवाएं और वीजा एक्सटेंशन जैसी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।
'विदेश सचिव को पत्र लिखकर दिक्कतों से अवगत कराया'
भंडारी ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले मैंने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला और सिविल एविएशन के सचिव प्रदीप सिंह खरौला को पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से मैंने उन्हें बताया था कि मनीला में फंसे भारतीय छात्रों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में बुजुर्गों को दवाओं के लिए परेशानी उठाना पड़ रही है।
'वेलफेयर फंड से छात्रों की मदद हो'
भंडारी ने कहा, ''कोरोना के चलते कोई बाहर नहीं निकल पा रहा है और यहां डॉक्टर बिना देखे दवा नहीं लिखता। ऐसे में बाहर के लोगों को दवाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, अमेरिका में 2 लाख से ज्यादा छात्र फंसे हैं। ज्यादातर की नौकरी जा चुकी है। पैसे खत्म हो चुके हैं। ऐसे में उन्हें रहने-खाने को लेकर भी परेशान होना पड़ रहा है। हमने मांग की है किइंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड से इन छात्रों की मदद हो।'''
स्वदेस लौटने के लिए भारतीय रजिस्ट्रेशन करवाएं'
भंडारी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यहां मौजूद भारतीय कम्युनिटी ने छात्रों की मदद नहीं की। यहां के लोगों ने 6 हजार कमरों की व्यवस्था की है। मगर 2 लाख बड़ी संख्या है। ऐसे में दिक्कत तो हो रही है। यह अच्छा है कि मोदी सरकार ने अब भारतीयों को स्वदेस लाने का फैसला लिया है। इसके बाद लोगों में एक उम्मीद बंधी है। दूतावास ने भारतीयों से कहा है कि फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि लौट सकें।
'भारतीय दूतावास ने संपर्क किया मगर बात नहीं बन पाई'
भंडारी के मुताबिक, एक भारतीय लड़की मनीला में फंसी हुई है। उसके पिता अमेरिका में हैं और मां जयपुर में हैं। दिक्कत यह है कि लड़की को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। उसके पिता ने हमसे मदद मांगी है। हमने इस संदर्भ में भारतीय दूतावास को बताया है। उन्होंने संपर्क तो किया है मगर अभी तक बात नहीं पाई है।
'वीजा एक्सटेंशन भी एक तरह की चुनौती'
भंडारी ने बताया कि मैंने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिखकर वीजा एक्सटेंशन की फीस माफ करने की अपील की है। कारण कि यहां जो भारतीय फंस गए हैं। उनके सामने दो तरह की समस्याएं हैं। पहली फ्लाइट कब शुरू होंगी, पता नहीं। दूसरा वीजा एक्सटेंशन के लिए लगने वाली 455 डॉलर की फीस जो भारतीय रुपयों में करीब 34 हजार होती है। लोगों को पैसों की कमी से भी जूझना पड़ रहा है।
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