विदेश में बड़े पदों पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग ज्यादातर श्वेत; 189 राजनयिकों में केवल तीन अश्वेत

दो दशकों तक दुनिया के सामने अमेरिका की छवि ऐसी रही है कि यहां अप्रवासियों और अश्वेतों को पर्याप्त ताकत मिलती है। फिर चाहें वो अमेरिका की पहली विदेश मंत्री बनने वाली चेक में जन्मी मेडेलिन के. अलब्राइट हों। या फिर देश के मुख्य राजनयिक बनने वाले पहले अश्वेत कॉलिन एल पॉवेल हों, जिनके पिता जमैका के प्रवासी थे।
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की विदेश मंत्री रहे कोंडोलीजा राइस अलबामा में बड़े हुए। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में 2005 से 2009 तक विदेश मंत्री रहीं कोंडोलीजा राइज की जगह हिलेरी क्लिंटन को लाया गया था। तब अधिकारियों ने मजाक में कहा कि यह पद उन श्वेत पुरुषों के लिए था, जिनका 200 से ज्यादा सालों तक इस पर एकाधिकार रहा।
यहां तक कि 2013 से 17 तक विदेश मंत्री रहे जॉन कैरी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे स्टेट सेक्रेटरी थे। जिन्होंने दुनिया भर के लोगों के लिए अमेरिकी सपने का प्रतिनिधित्व किया। चार सालों से भी कम समय में राष्ट्रपति ट्रम्प ने पूरे प्रशासन को बदल दिया। दुनिया के सामने अमेरिका की छवि बदल गई।
विदेश में बड़े पदों पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग अब ज्यादातर श्वेत और पुरुष हैं। इनमें विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर, अटॉर्नी जनरल विलियम पी. बैर और ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन शामिल हैं।
पिछले महीने के रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में वक्ताओं ने ट्रम्प को राष्ट्रपति पद का एक मजबूत कैंडिडेट बताने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि ट्रम्प प्रशासन में शीर्ष रैंक पर सभी समुदाय और अश्वेतों को शामिल किया गया है। लेकिन, सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है।
निक्की हेली की जगह केली क्राफ्ट को राजदूत बनाया
हालांकि, एक महिला अधिकारी केली क्राफ्ट, जो संयुक्त राष्ट्र में ट्रम्प की राजदूत हैं। उन्होंने निक्की हेली की जगह ली, जो एक भारतीय-अमेरिकी हैं। हेली ट्रम्प प्रशासन में अलग समुदाय की एकमात्र अफसर थीं।
कमला हैरिस को बाइडेन ने रनिंग मेट चुना
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोसेफ आर. बाइडेन जूनियर ने कैलिफोर्निया के सीनेटर कमला हैरिस को अपना रनिंग मेट चुना। वे अमेरिकी चुनाव में उपराष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक कैंडिडेट हैं। उनका चुनाव कर बाइडेन ने दुनिया के सामने विविध अमेरिकी छवि का आगे बढ़ाने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया। यदि वह चुने जाते हैं, तो उन्हें ट्रम्प प्रशासन के दौरान विविधता के आधार पर खोई हुई जमीन को फिर से बनाना होगा।
जनवरी में गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी ऑफिस की एक स्टडी में पिछले दशक की तुलना में 2018 में विदेश विभाग में महिलाओं और अश्वेतों में सबसे बड़ी कमी देखी गई। स्टडी में यह भी पाया गया कि विदेश विभाग में काम करने वालों अश्वेत या अल्पसंख्यक श्वेत लोगों के समान शिक्षा, व्यवसाय या कई सालों से फेडरल सर्विस में होने के बावजूद उनकी प्रमोशन की संभावना कम थी।
श्वेत लोगों को ज्यादा प्रमोशन
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने विदेश विभाग के आंकड़े के हवाले से बताया कि 2019 के वित्तीय वर्ष में 80 अश्वेत फॉरेन सर्विस अधिकारियों और विशेषज्ञों को प्रमोट किया गया था। यह आंकड़ा 8,023 राजनयिकों में से 1% है। बाकि 1,496 राजनयिकों को प्रमोशन दिया गया। इनमें 108 हिस्पैनिक, 106 एशियाई और 90 अन्य अल्पसंख्यक समूहों से थे। श्वेत लोगों को ज्यादा संख्या में प्रमोशन मिला।
अमेरिका में दूसरे समुदाय के 25 से कम राजनयिकों के होने के चलते सरकार की काफी आलोचना की गई। इसके बाद विदेश विभाग ने 1 सितंबर को घोषणा की कि यह अल्पसंख्यक आवेदकों के लिए फैलोशिप की संख्या 50% बढ़ा रहा है।
एक बयान में पोम्पिओ ने कहा कि फैलोशिप टैलेंटेड और क्वालिफाइड कैंडिडेट को आकर्षित करने के लिए तैयार किए गए थे, जो विदेश सेवा के लिए जातीय, नस्लीय, जेंडर, सामाजिक और भौगोलिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ट्रम्प प्रशासन में उच्च पदों पर श्वेत ज्यादा
हालांकि, विविधता की कमी विभाग के बड़े स्तर पर साफ नजर आ रहा है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डिप्लोमेसी के अनुसार, फिलहाल 189 अमेरिकी राजदूत विदेशों के दूतावासों में काम कर रहे हैं। इनमें केवल तीन राजनयिक अश्वेत हैं और चार हिस्पैनिक हैं। बुश के पहले कार्यकाल के दौरान 19 अश्वेत एंबेसडर थे। वहीं, ओबामा के पहले कार्यकाल के दौरान 18 थे।
ये भी पढ़ें...
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kaTOmk
Comments
Post a Comment