मुख्य मुकाबला पीएम जेसिंडा और विपक्षी नेता ज्यूडिथ के बीच; सर्वे में दावा- जेसिंडा को 47% वोट मिल सकते हैं, फिर भी बहुमत नहीं मिलेगा

न्यूजीलैंड में आज आम चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। मुख्य मुकाबला दो महिलाओं के बीच है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न (40) को चुनौती दे रही हैं 61 साल की ज्यूडिथ कोलिन्स। लेबर पार्टी की जेसिंडा 2017 में पीएम बनीं थीं। इस आम चुनाव को मीडिया कोरोना इलेक्शन भी कह रहा है। जेसिंडा की अगुआई में न्यूजीलैंड ने कोविड-19 को काबू करने में अहम कामयाबी पाई। गुरुवार को यहां एक भी एक्टिव केस नहीं था। यहां हम न्यूजीलैंड चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां दे रहे हैं।
कितनी पार्टियां हिस्सा ले रही हैं?
पांच मुख्य पार्टियां हैं। ये हैं- लेबर पार्टी (जेसिंडा आर्डर्न), नेशनल पार्टी (ज्यूडिथ कोलिन्स), न्यूजीलैंड फर्स्ट (विन्सटन पीटर्स), ग्रीन पार्टी (जेम्स शॉ) और एसीटी न्यूजीलैंड (डेविड सेमोर)।
वोट कौन दे सकता है और क्या मतदान अनिवार्य है?
न्यूजीलैंड का कोई भी नागरिक जो 18 साल की उम्र पूरी कर चुका हो, मतदान कर सकता है। यहां वोटिंग अनिवार्य यानी मेंडेटरी नहीं है। जिसको वोटिंग का अधिकार है, वो चुनाव भी लड़ सकता है।
न्यूजीलैंड में राजशाही है, फिर चुनाव क्यों होते हैं?
लिखित संविधान नहीं है। ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ (द्वितीय) ही देश की सर्वोच्च शासक यानी हेड ऑफ द स्टेट हैं। उनके प्रतिनिधि के रूप में यहां गवर्नर जनरल होते हैं। क्वीन या गवर्नर जनरल का राजनीति से कोई ताल्लुक नहीं होता। ये सिर्फ औपचारिक राजकीय समारोहों में नजर आते हैं।
मतदाता दो वोट क्यों डालता है?
न्यूजीलैंड में एमएमपी (मिक्स्ड मेंबर प्रपोर्शनल) सिस्टम है। मतदाता एक वोट पसंदीदा पार्टी और दूसरा कैंडिडेट को देता है। कैंडिडेट निर्दलीय भी हो सकता है।
बहुमत के लिए कितनी सीट जरूरी हैं?
कुल 120 संसदीय सीटें हैं। बहुमत के लिए 61 जरूरी हैं।
यहां गठबंधन सरकारें ही क्यों बनती हैं?
इसकी 1996 में लागू हुआ एमएमपी सिस्टम है। तब से कोई पार्टी 50% वोट या 61 सीटें हासिल नहीं कर पाई। लिहाजा, गठबंधन सरकारें बनती रहीं। गठबंधन को लिखित में समर्थन के बिंदू बताने होते हैं। इससे वे मुकर नहीं सकतीं। इसलिए गठबंधन नहीं टूटते।
क्या जेसिंडा को आसान जीत और पूर्ण बहुमत मिलेगा?
ज्यादातर सर्वे में जेसिंडा को आसान जीत मिलती दिख रही है। कहा जा रहा है कि उन्हें 44% वोट और 59 सीटें मिलेंगी। लेकिन, बहुमत के लिए 50% वोट और 61 सीटें चाहिए। ऐसे में उन्हें गठबंधन सरकार ही बनानी होगी। नेशनल पार्टी को 33% वोट मिल सकते हैं।
दुनिया में तारीफ फिर बहुमत से दूरी की आशंका क्यों?
कोविड-19 को काबू में करने के बाद जेसिंडा आर्डर्न की दुनिया में तारीफ हुई। हालांकि, देश में उन पर चुनावी वादे पूरे न करने के आरोप लगे। उन्होंने सस्ते घर उपलब्ध कराने का वादा किया था। इसे वे पूरा नहीं कर पाईं। बच्चों की दशा सुधारने में भी आर्डर्न विफल रहीं।
जेसिंडा आर्डर्न बनाम ज्युडिथ कोलिन्स
जेसिंडा 17 साल की उम्र में ही राजनीति में आ गईं। 2008 में पहली बार सांसद बनीं। 37 साल में पीएम बनीं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और न्यूजीलैंड की पीएम हेलन क्लार्क की स्टाफर रहीं। ऑकलैंड में पार्टनर क्लार्क गेफोर्ड, बेटी और बिल्ली के साथ रहती हैं।
61 साल की ज्यूडिथ कोलिन्स पेशे से वकील हैं। इसके अलावा एक बड़ी कंपनी की डायरेक्टर हैं। 2002 में पहली बार संसद पहुंचीं। कानूनी सुधार यानी ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स के मामले में उनकी बात को जेसिंडा भी तवज्जो देती हैं। नेशनल पार्टी ने उन्हें सिर्फ तीन महीने पहले अपना पीएम कैंडिडेट घोषित किया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kbkweY
Comments
Post a Comment