रूलिंग पार्टी की बैठक में नहीं पहुंचे ओली, भारत से बिगड़ते रिश्ते के बीच इस्तीफे से बचने की कोशिश

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। वे भारत से बिगड़ते रिश्ते के बीच इस्तीफे से बचने की कोशिश कर रहे हैं। ओली रविवार को रूलिंग पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचे। इस बैठक में उनके ऊपर लगे आरोपों पर चर्चा होनी थी। हालांकि, उन्होंने चिट्ठी भेजकर इस बैठक में शामिल होने और आरोपों पर सफाई देने से इनकार कर दिया। उन्होंने चिट्ठी में कोरोना महामारी की वजह से बैठक में नहीं शामिल होने की बात कही।
भारत से तल्खी बढ़ने के बाद से ही पार्टी के के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता राम माधव कुमार नेपाल समेत कई लीडर भी ओली के काम से खुश नहीं है। पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।
प्रचंड ने ओली पर लगाए हैं भ्रष्टाचार के आरोप
प्रचंड ने पीएम ओली पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और मनमाने ढंग से सरकार चलाने के आरोप लगाए हैं। प्रचंड ने ओली के खिलाफ एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया है। प्रचंड और ओली शनिवार को प्रधानमंत्री आवास में हुई पार्टी की सचिव मंडल की बैठक में शामिल हुए थे। हालांकि, इसके बाद भी कई मुद्दों पर दोनों नेताओं में सहमति नहीं बनी थी। ऐसी उम्मीद थी कि स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कुछ हल निकलेगा। ओली और प्रचंड के बीच पहले भी कई चरणों में बातचीत हुई, लेकिन वे भी बेनतीजा रहीं थीं।
ओली प्रचंड के आरोपों से कर रहे इनकार
ओली प्रचंड की ओर से अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने प्रचंड की ओर से लाए गए राजनीतिक प्रस्ताव की आलोचना की है। इस प्रस्ताव में ओली के प्रधानमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग भी शामिल है। ओली ने रविवार को भेजी अपनी चिट्ठी में प्रचंड से राजनीतिक प्रस्ताव बिना किसी शर्त वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व बदलाव से जुड़े मुद्दे चार महीने बाद होने वाले सत्तारूढ़ दल के महासम्मेलन से पहले सुलझाएं। स्टैंडिंग कमेटी पार्टी को एकजुट करने पर चर्चा करे।
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