लद्दाख में तनाव के दौरान सेना ने बदली रणनीति, चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर तैयारी की

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना खुद को दो मोर्चों पर जंग के हिसाब से तैयार कर रही है। इससे सेना को चीन और पाकिस्तान दोनों से निपटने में मदद मिलेगी। चीन से लगने वाली लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कभी जंग जैसे हालात न रहने से, अब तक भारत का ध्यान सिर्फ पाकिस्तान की ओर रहता था।
हालांकि, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर स्थिति बदलने के बावजूद अब भी पश्चिमी सीमा पर यानी पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर युद्ध से जुड़ी तैयारियां ज्यादा हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि सेना की तीन स्ट्राइक कॉर्प्स यहां तैनात हैं। वहीं, नार्दर्न बॉर्डर यानी चीन सीमा के लिए सिर्फ एक माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाई गई है।
चीन सीमा पर अतिरिक्त फोर्स की जरूरत नहीं
सरकार से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच एडिशनल फोर्स या नई स्ट्राइक कॉर्प्स तैनात करने की जरूरत नहीं है। सेना इस तरह तैयार हो रही है कि दोनों मोर्चे एक साथ संभाले जा सकें। वेस्टर्न फ्रंट के तहत भोपाल की 21 स्ट्राइक कॉर्प्स के साथ-साथ मथुरा की स्ट्राइक वन और अंबाला में खड़ग कॉर्प्स आती हैं।
ये देश के पश्चिमी, मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में मौजूद हैं। इनमें से कुछ तो चीन सीमा के बहुत करीब हैं। सूत्रों ने बताया कि 13 लाख सैनिकों वाली फौज के लड़ने के फॉर्मूले पर दोबारा सोचना एक बड़ी कवायद होगी। उम्मीद है कि इससे सेना को दो मोर्चे के युद्ध के लिए तैयार किया जा सकेगा।
LAC पर बड़े हथियार तैनात
चीन के साथ चल रहे तनाव में भी सेना बैलेंस बनाए हुए है। मध्य और पश्चिमी भारत से बड़ी संख्या में बख्तरबंद वाहन सीमा पर लाए गए हैं। सेना ने कई लड़ाकू वाहन और टी -90, टी -72 टैंक तैनात किए हैं। यह तैयारी लद्दाख सेक्टर के सामने चीनी फौज की मौजूदगी को देखते हुए की गई है।
DRDO की कार्बाइन का ट्रायल सफल

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की डिजाइन की हुई कार्बाइन (5.56*30 मिमी) का यूजर ट्रायल सफल रहा। 7 दिसंबर को किए गए ट्रायल में सेना के सभी पैरामीटर पर यह कार्बाइन खरी उतरी। सेना को काफी लंबे समय से इसकी जरूरत थी।
डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (JVPC) हर तरह के ट्रायल में सफल रही। यह एक गैस-ऑपरेटेड सेमी-बुल-अप आटोमैटिक हथियार है। इसकी फायर करने की क्षमता 700 RPM से ज्यादा है।
भारत-जापान ने जॉइंट ड्रिल पर बात की

चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत और जापान के बीच मिलिट्री रिलेशन को मजबूत करने और एयरफोर्स की जॉइंट ड्रिल पर बात की। बुधवार को भारत आए जापान के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल इजित्सु शंजी अपने काउंटर पार्ट एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से मिले। दोनों की मीटिंग में रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया। दोनों ने एयरफोर्स की जॉइंट ड्रिल की जरूरतों पर भी चर्चा की।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VY5I90
Comments
Post a Comment